एन.पी.एस.-यू.पी.एस. व निजीकरण के विरोध में अटेवा ने निकाला रोष मार्च
सोनभद्र। एन.पी.एस- यू.पी.एस. व निजीकरण के विरोध में अटेवा/एनएमओपीएस ने जिला मुख्यालय स्थित रामलीला मैदान से बढ़ौली चौक तक आक्रोश मार्च निकाला । चौक पर संक्षिप्त संबोधन करके कलेक्ट्रेट पर जाकर माननीय प्रधानमन्त्री जी के नाम ज्ञापन दिया।जिसमें विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
संतोष कुमारी व वकील अहमद ने कहा ओपीएस बहाली तक संघर्ष जारी रहेगा और वर्ष 2027 से पहले पुरानी पेंशन बहाल हो जायेगी। हम पुरानी पेंशन की लड़ाई लड़ रहे हैं जिसे अंतिम मुकाम तक ले जाएंगे।
रंजना सिंह व सुरेश कन्नौजियाने कहा कि निजीकरण को किसी भी दशा में बर्दाश्त नही किया जाएगा। निम्न व मध्यम वर्ग के खिलाफ़ अमीरों का षड्यंत्र है निजीकरण। इससे आने वाले समय में सरकारी नौकरियां ही समाप्त हो जाएंगी।
रविभूषण सिंह व रविंद्र चौधरी ने बताया कि निजीकरण की लड़ाई आने वाली पीढ़ियों के लिए है यदि समय रहते इसको नही रोका गया तो आने वाले समय में संविदा व आउटसोर्सिंग की ही नौकरी रहेगी जिसमें परिवार का पेट पालना भी दुष्कर हो जायेगा।
अशोक त्रिपाठी और ज्योति कुमार व कौसर जहाँ ने कहा कि शिक्षा, चिकित्सा एवं ट्रांसपोर्ट सरकार के हाथ में होना चाहिए सरकार का काम वेलफेयर का होना चाहिए लेकिन ऐसा नही हो रहा है । आगे उन्होंने कहा कि जब सरकारी नौकरी ही नही रहेगी तो फ़िर इस देश में सरकार की क्या आवश्यकता है?
राजकुमार मौर्य ने सभी का आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि आदरणीय प्रधानमन्त्री जी एक राष्ट्र एक टैक्स कर सकते हैं,एक देश एक चुनाव कर सकते हैं तो फ़िर एक देश एक पेंशन क्यूं नही कर सकते ? साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि इस देश में एक राजनेता चार चार पेंशन ले सकता है,साथ ही न्याय पालिका पुरानी पेंशन ले सकता है तो फिर एक कर्मचारी को क्यूं इससे दूर रखा जा रहा है।
इस मौके पर कौशर जहाँ सिद्दीकी, प्रभाशंकर, सूर्यप्रकाश सिंह,कमलेश सिंह, बबिता, सर्वेश तिवारी, उमा सिंह, संतोष सिंह,राम मूर्ति,विनोद, रुद्र ,बी.एन सिंह ,मनोज ,सुरेश, अमिय,गोपाल,दिलीप,सुरेश, राजकुमार, अभय,हृदेश, रामचंद्र,संतोष,सौरभ, प्रेम सिंह, दद्दन, अजय कुशवाहा सहित सैंकड़ों कर्मचारी मौजूद थे।
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