श्री चन्द्रगुप्त मौर्य इन्टरमीडिएट कालेज मधुपुर के विवाद का कई शाख।
विद्यालय का प्रबंध तंत्र किन विवादों से घिरा हुआ है?-
1- फर्जी तरीके से सदस्य बढ़ाने का आरोप।
2- फर्जी कमेटी बनाने का लगा आरोप।
3- फर्जी हस्ताक्षर किए जाने का आरोप।
4- कालेज के आय व्यय संबंधित हिसाब किताब सार्वजनिक रूप से कमेटी के समक्ष न रखने का आरोप।
5- कालेज में पानी की टीडीएस बहुत अधिक होने के बावजूद बच्चों के लिए कालेज में लगे आर ओ युक्त पानी का न मुहैया कराने का आरोप।
6- कालेज कैम्पस में अधजली हालत में पड़ी दवाईयों के संबंध में सरकार के योजनानुसार अलबेंडाजोल व आयरन युक्त दवाईयों का बच्चों में वितरण करने के बजाय उसे जलाकर नष्ट करने का आरोप।
7- अधिकारियों के समक्ष बच्चों के दवा वितरण रजिस्टर न उपलब्ध कराने का आरोप।
वहीं इस बारे में प्रबंधन के पक्ष ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए इसे झूठा आरोप का नाम दे रहा है।
स्वास्थ्य अधिकारियों पर कार्रवाई में हीलाहवाली का लग रहा आरोप - सूत्र
सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है कि श्री चन्द्रगुप्त मौर्य इन्टरमीडिएट कालेज के कैम्पस में अधजली हालत में मिली दवाओं के विषय मे संबंधित स्वास्थ्य विभाग की तरफ से हीलाहवाली किया जा रहा है , जिससे स्वास्थ्य विभाग के रवैए को लेकर लोगों में रोष व्याप्त है।
कालेज के मामले को लेकर जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल मिल सकता है उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक जी से - सूत्र।
सूत्रों की मानें तो श्री चन्द्रगुप्त मौर्य इन्टरमीडिएट कालेज मधुपुर सोनभद्र के मामले के निष्पक्ष जांच हेतु और दोषियों पर कार्रवाई हेतु तथा संबंधित अधिकारियों के लापरवाही को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक जी मिल सकता है।
निष्पक्ष जांच को रोकने के लिए पत्रकारों व अधिकारियों पर बनाया जा रहा है दबाव - सूत्र।
सूत्रों के मुताबिक कालेज प्रबंधन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप के संदर्भ में निष्पक्ष खबर चलाने वाले पत्रकारों व संबंधित अधिकारियों पर राजनीतिक और सामाजिक दबाव बनाया जा रहा है। अब देखना यह है कि क्या जनपद सोनभद्र के संबंधित अधिकारियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के बुल्डोजर का डर सताता है या उनके आदेशों व कुचल दिया जाता है।
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